Red Hat Enterprise Linux (RHEL) की INSTALLATION के STEPS , और Bootable RHEL DVD या USB कैसे बनाएं

 रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (Red Hat Enterprise Linux, जिसे RHEL के नाम से भी जाना जाता है) एक व्यावसायिक लिनक्स वितरण है जिसे रेड हैट द्वारा विकसित और प्रदत्त किया गया है। यह मुख्य रूप से एंटरप्राइज़ और व्यवसायों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी विशेषताएँ इसे सर्वर और डेस्कटॉप दोनों वातावरणों में अत्यधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बनाती हैं।





विषयसूची

1.     रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (Red Hat Enterprise Linux)

2.     रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) की INSTALLATION के STEPS

3.     बूटेबल RHEL DVD या USB कैसे बनाएं

4.     Server with GUI और Minimal Install का विवरण

5.     Automatic Partitioning और Manual Partitioning का विवरण

6.     निष्कर्ष


रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (Red Hat Enterprise Linux)

विशेषताएँ

  1. सुरक्षा: RHEL का सुरक्षा मॉडल इसे एक अत्यंत सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम बनाता है। यह SELinux (Security-Enhanced Linux) को डिफ़ॉल्ट रूप से सक्षम करता है, जो कि न केवल वायरस और मैलवेयर से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि सिस्टम को अनधिकृत उपयोग से भी बचाता है।
  2. स्थिरता और विश्वसनीयता: RHEL का डिज़ाइन और विकास विशेष रूप से दीर्घकालिक स्थिरता और विश्वसनीयता पर केंद्रित है। यह नियमित रूप से अपडेट और सुधार प्राप्त करता है, जिससे सिस्टम हमेशा नवीनतम तकनीकों और सुरक्षा उपायों के साथ अद्यतित रहता है।
  3. समर्थन: रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स के लिए रेड हैट का व्यापक समर्थन उपलब्ध है, जिसमें 24/7 तकनीकी सहायता, सुरक्षा अपडेट, और प्रबंधित सेवाएं शामिल हैं। यह समर्थन व्यवसायों को अपने सिस्टम को आसानी से प्रबंधित और सुरक्षित रखने में मदद करता है।
  4. अनुकूलन और स्केलेबिलिटी: RHEL को विभिन्न हार्डवेयर प्लेटफार्मों पर अनुकूलित किया जा सकता है और यह बड़े पैमाने पर स्केलेबिलिटी की अनुमति देता है। यह एंटरप्राइज़ वातावरण में बड़े डेटासेंटर और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

उपयोग

  1. सर्वर और डेटासेंटर: RHEL का उपयोग मुख्य रूप से सर्वर और डेटासेंटर में किया जाता है। इसकी स्थिरता और सुरक्षा विशेषताएँ इसे बड़े और जटिल नेटवर्क और सर्वर वातावरणों के लिए आदर्श बनाती हैं।
  2. वर्चुअलाइजेशन और कंटेनराइजेशन: रेड हैट वर्चुअलाइजेशन और कंटेनराइजेशन के लिए भी मजबूत समर्थन प्रदान करता है। यह KVM (Kernel-based Virtual Machine) और Red Hat OpenShift का उपयोग करके कंटेनर मैनेजमेंट के लिए उत्कृष्ट सुविधाएँ प्रदान करता है।
  3. क्लाउड कम्प्यूटिंग: RHEL का क्लाउड वातावरण में व्यापक उपयोग होता है। यह विभिन्न प्रमुख क्लाउड सेवा प्रदाताओं के साथ संगत है और रेड हैट क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भी प्रभावी ढंग से काम करता है।

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) की INSTALLATION के STEPS

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) को स्थापित करना एक सरल प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए कुछ पूर्व-तैयारी और सावधानी की आवश्यकता होती है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आप RHEL को स्थापित कर सकते हैं:

पूर्व-आवश्यकताएँ

  1. सिस्टम आवश्यकताएँ:
    • न्यूनतम 1 गीगाहर्ट्ज़ प्रोसेसर
    • 1 जीबी रैम (32-बिट सिस्टम के लिए) या 2 जीबी रैम (64-बिट सिस्टम के लिए)
    • न्यूनतम 10 जीबी हार्ड ड्राइव स्थान
  2. RHEL इंस्टॉलेशन मीडिया:
    • RHEL की ISO छवि फ़ाइल डाउनलोड करें और इसे DVD या USB ड्राइव पर बूटेबल बनाएं।

INSTALL प्रक्रिया

STEP 1: सिस्टम बूट करें

  1. अपने सिस्टम को DVD या USB ड्राइव से बूट करें।
  2. सिस्टम स्टार्ट होने पर बूट मेनू में "Install Red Hat Enterprise Linux" विकल्प चुनें और Enter दबाएँ।

STEP 2: भाषा और कीबोर्ड सेटिंग

  1. INSTALL प्रक्रिया शुरू होते ही, सबसे पहले भाषा और कीबोर्ड सेटिंग्स चुनें। "हिंदी" या "अंग्रेजी" चुनें और "Continue" पर क्लिक करें।

STEP 3: इंस्टॉलेशन स्रोत

  1. अगर आप इंटरनेट से इंस्टॉल कर रहे हैं, तो "Installation Source" चुनें और नेटवर्क सेटिंग्स को सही से कॉन्फ़िगर करें।
  2. अन्यथा, DVD या USB ड्राइव से इंस्टॉल कर रहे हैं, तो इसे डिफ़ॉल्ट रहने दें।

STEP 4: सॉफ़्टवेयर चयन

  1. "Software Selection" पर क्लिक करें और अपने आवश्यकताओं के अनुसार पैकेज चुनें। आप "Server with GUI", "Minimal Install", या अन्य विकल्पों में से एक चुन सकते हैं।

STEP 5: इंस्टॉलेशन डेस्टिनेशन

  1. "Installation Destination" पर क्लिक करें।
  2. डिस्क चुनें जिस पर आप RHEL इंस्टॉल करना चाहते हैं।
  3. "Automatic Partitioning" चुनें अगर आप चाहते हैं कि सिस्टम स्वचालित रूप से विभाजन करें। अन्यथा, "Manual Partitioning" का उपयोग करें और अपने अनुसार विभाजन बनाएं।

STEP 6: नेटवर्क और मेजबान नाम

  1. "Network & Hostname" पर क्लिक करें और नेटवर्क कनेक्शन को सक्षम करें।
  2. होस्टनाम सेट करें और "Apply" पर क्लिक करें।

STEP 7: इंस्टॉलेशन प्रारंभ करें

  1. सब कुछ सेट करने के बाद, "Begin Installation" पर क्लिक करें।

STEP 8: यूजर सेटअप

  1. INSTALLATION के दौरान, "Root Password" पर क्लिक करें और रूट उपयोगकर्ता के लिए पासवर्ड सेट करें।
  2. "User Creation" पर क्लिक करें और एक नया उपयोगकर्ता बनाएं।

STEP 9: INSTALLATION पूर्ण करें

  1. INSTALLATION प्रक्रिया पूर्ण होने पर, "Reboot" पर क्लिक करें।

STEP 10: प्रारंभिक सेटअप

  1. सिस्टम बूट होने के बाद, प्रारंभिक सेटअप स्क्रीन पर जाएं।
  2. लाइसेंस अनुबंध को स्वीकार करें और अन्य सेटिंग्स को कॉन्फ़िगर करें।

 

अब आपका रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स स्थापित हो चुका है और उपयोग के लिए तैयार है। आप अपने नए RHEL सिस्टम का उपयोग प्रारंभ कर सकते हैं और इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कॉन्फ़िगर कर सकते हैं। यदि आप किसी समस्या का सामना करते हैं, तो रेड हैट की आधिकारिक डोक्यूमेंटेशन और सपोर्ट संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।


बूटेबल RHEL DVD या USB कैसे बनाएं

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) का बूटेबल DVD या USB बनाना एक महत्वपूर्ण STEP है ताकि आप RHEL को अपने सिस्टम पर स्थापित कर सकें। नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आप आसानी से बूटेबल DVD या USB बना सकते हैं:

आवश्यकताएँ

  1. RHEL की ISO छवि फ़ाइल (आप इसे रेड हैट की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं)
  2. एक खाली DVD या USB ड्राइव (कम से कम 8 जीबी)
  3. एक कंप्यूटर जिसमें DVD राइटर या USB ड्राइव पोर्ट हो।
  4. बूटेबल मीडिया बनाने के लिए सॉफ़्टवेयर (जैसे कि Rufus, Etcher, या UNetbootin)

STEP 1: RHEL ISO छवि फ़ाइल डाउनलोड करें

  1. रेड हैट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और RHEL की ISO छवि फ़ाइल डाउनलोड करें। सुनिश्चित करें कि आपने सही संस्करण चुना है जिसे आप स्थापित करना चाहते हैं।

STEP 2: बूटेबल DVD बनाने के लिए

Windows में:

  1. एक खाली DVD को DVD राइटर में डालें।
  2. ISO छवि फ़ाइल पर राइट-क्लिक करें और "Burn disc image" विकल्प चुनें।
  3. बर्निंग प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्देशों का पालन करें।

Linux में:

  1. एक खाली DVD को DVD राइटर में डालें।
  2. टर्मिनल खोलें और निम्नलिखित कमांड का उपयोग करें:

“wodim dev=/dev/cdrom speed=4 -v -data path/to/your/RHEL.iso”

सुनिश्चित करें कि आपने सही पथ और डिवाइस नाम का उपयोग किया है।

STEP 3: बूटेबल USB बनाने के लिए

Windows में Rufus का उपयोग करके:

  1. Rufus डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
  2. Rufus को खोलें और USB ड्राइव को कंप्यूटर में डालें।
  3. "Device" सेक्शन में अपनी USB ड्राइव चुनें।
  4. "Boot selection" में "Disk or ISO image (Please select)" चुनें और डाउनलोड की गई RHEL ISO छवि फ़ाइल का चयन करें।
  5. अन्य डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स को वैसे ही रहने दें और "Start" पर क्लिक करें।
  6. बूटेबल USB ड्राइव बनने तक प्रतीक्षा करें।

Linux में dd का उपयोग करके:

  1. USB ड्राइव को कंप्यूटर में डालें।
  2. टर्मिनल खोलें और निम्नलिखित कमांड का उपयोग करें:


"sudo dd if=path/to/your/RHEL.iso of=/dev/sdX bs=4M status=progress"

यहाँ /dev/sdX को अपनी USB ड्राइव के डिवाइस नाम से बदलें (उदाहरण के लिए, /dev/sdb)

Linux में Etcher का उपयोग करके:

  1. Etcher डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
  2. Etcher को खोलें और "Flash from file" पर क्लिक करें, फिर RHEL ISO छवि फ़ाइल चुनें।
  3. "Select target" पर क्लिक करें और अपनी USB ड्राइव चुनें।
  4. "Flash!" पर क्लिक करें और प्रक्रिया समाप्त होने तक प्रतीक्षा करें।

 

अब आपका बूटेबल RHEL DVD या USB तैयार है। आप इसे अपने सिस्टम में बूट कर सकते हैं और RHEL की INSTALLATION प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं। अगर आपको किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आप रेड हैट की आधिकारिक डोक्यूमेंटेशन और सपोर्ट संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।


Server with GUI और Minimal Install का विवरण

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) को स्थापित करते समय, आपको विभिन्न इंस्टॉलेशन विकल्प मिलते हैं। इनमें से दो मुख्य विकल्प हैं: "Server with GUI" और "Minimal Install" दोनों का उपयोग अलग-अलग आवश्यकताओं और उपयोग के मामलों के लिए किया जाता है। आइए इन दोनों को विस्तार से समझें:

Server with GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के साथ सर्वर)

  1. परिचय:
    • "Server with GUI" विकल्प के साथ, RHEL एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) के साथ इंस्टॉल होता है। यह उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी होता है जो कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) के बजाय GUI के माध्यम से अपने सर्वर को प्रबंधित करना पसंद करते हैं।
  2. विशेषताएँ:
    • ग्राफिकल इंटरफेस: GUI के साथ आता है, जो उपयोगकर्ताओं को ग्राफिकल वातावरण में काम करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें वर्कस्टेशन, एप्लिकेशन मेन्यू, फाइल मैनेजर आदि शामिल होते हैं।
    • यूजर-फ्रेंडली: यह सेटअप उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक यूजर-फ्रेंडली होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो GUI के आदी हैं।
    • समृद्ध टूल्स: कई एडमिनिस्ट्रेटिव टूल्स और एप्लिकेशन ग्राफिकल मोड में उपलब्ध होते हैं, जिससे सर्वर प्रबंधन आसान हो जाता है।
  3. उपयोग के मामले:
    • डेवलपमेंट और टेस्टिंग: डेवलपर्स और टेस्टर्स जो GUI का उपयोग करना पसंद करते हैं, उनके लिए यह विकल्प आदर्श है।
    • प्रबंधन: ऐसे सर्वर जहाँ GUI का उपयोग करके व्यवस्थापक कार्य किए जाते हैं।
  4. कमियाँ:
    • रिसोर्स उपयोग: GUI सिस्टम संसाधनों (जैसे रैम और CPU) का अधिक उपयोग करता है, जो कुछ मामलों में सर्वर के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
    • सुरक्षा जोखिम: GUI के कारण कुछ अतिरिक्त सुरक्षा जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं, क्योंकि अधिक सेवाएँ और एप्लिकेशन चल रहे होते हैं।

Minimal Install (मिनिमल इंस्टॉल)

  1. परिचय:
    • "Minimal Install" विकल्प के साथ, RHEL केवल आवश्यक सिस्टम घटकों के साथ इंस्टॉल होता है। इसमें कोई GUI शामिल नहीं होता है और केवल कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) उपलब्ध होता है।
  2. विशेषताएँ:
    • लाइटवेट: सिस्टम बहुत हल्का और न्यूनतम संसाधन उपयोग के साथ होता है।
    • सुरक्षा: चूंकि इसमें केवल आवश्यक घटक ही शामिल होते हैं, सुरक्षा जोखिम कम होते हैं।
    • अनुकूलन: उपयोगकर्ता अपने आवश्यकता के अनुसार आवश्यक पैकेज और सेवाओं को बाद में इंस्टॉल कर सकते हैं।
  3. उपयोग के मामले:
    • प्रोडक्शन सर्वर: जहाँ उच्च प्रदर्शन और सुरक्षा आवश्यक है, जैसे कि वेब सर्वर, डेटाबेस सर्वर, आदि।
    • कंटेनर वातावरण: कंटेनराइज्ड एप्लिकेशन डिप्लॉयमेंट के लिए आदर्श।
    • क्लाउड: क्लाउड वातावरण में वर्चुअल मशीन के रूप में उपयोग।
  4. कमियाँ:
    • यूजर-फ्रेंडली नहीं: उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त नहीं जो GUI का उपयोग करना पसंद करते हैं।
    • अन्य पैकेज इंस्टॉल करना: यदि अतिरिक्त सॉफ़्टवेयर और टूल्स की आवश्यकता होती है, तो उन्हें मैन्युअली इंस्टॉल करना पड़ता है।

स्वचालित विभाजन (Automatic Partitioning) और मैनुअल विभाजन (Manual Partitioning) का विवरण

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (RHEL) की INSTALLATION करते समय, आपको अपनी हार्ड ड्राइव को विभाजित करने (Partitioning) का विकल्प मिलता है। विभाजन प्रक्रिया का उद्देश्य आपके डेटा को व्यवस्थित और सुरक्षित करना होता है। विभाजन के दो मुख्य तरीके हैं: स्वचालित विभाजन (Automatic Partitioning) और मैनुअल विभाजन (Manual Partitioning) आइए इन दोनों को विस्तार से समझें:

स्वचालित विभाजन (Automatic Partitioning)

  1. परिचय:
    • स्वचालित विभाजन आपके डिस्क स्पेस को रेड हैट इंस्टॉलर द्वारा स्वचालित रूप से विभाजित करता है। यह तरीका तेज़ और आसान है, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो विभाजन के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते हैं।
  2. विशेषताएँ:
    • सरलता: इस विधि में उपयोगकर्ता को विभाजन के बारे में कोई जानकारी या निर्णय लेने की आवश्यकता नहीं होती। सब कुछ स्वचालित रूप से होता है।
    • तेजी: यह विधि तेज़ है क्योंकि विभाजन प्रक्रिया स्वचालित रूप से होती है और इंस्टॉलर द्वारा ही तय की जाती है।
    • डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स: स्वचालित विभाजन डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स का उपयोग करता है जो अधिकांश उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त होती हैं।
  3. उपयोग के मामले:
    • नए उपयोगकर्ता: जो विभाजन के तकनीकी विवरणों के बारे में नहीं जानते और आसान INSTALL चाहते हैं।
    • त्वरित सेटअप: जब आपको जल्दी से सिस्टम सेटअप करना हो और कस्टम विभाजन की आवश्यकता हो।
  4. कमियाँ:
    • कम नियंत्रण: उपयोगकर्ता को विभाजन के आकार और प्रकार पर कम नियंत्रण होता है।
    • विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त नहीं: यदि आपके पास विशेष विभाजन आवश्यकताएँ हैं, तो यह विधि उपयुक्त नहीं हो सकती।

मैनुअल विभाजन (Manual Partitioning)

  1. परिचय:
    • मैनुअल विभाजन में उपयोगकर्ता अपने डिस्क स्पेस को मैन्युअली विभाजित करते हैं। यह तरीका उन उपयोगकर्ताओं के लिए है जो विभाजन प्रक्रिया पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं और विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करना चाहते हैं।
  2. विशेषताएँ:
    • पूर्ण नियंत्रण: उपयोगकर्ता को विभाजन के आकार, प्रकार और अन्य सेटिंग्स पर पूर्ण नियंत्रण मिलता है।
    • लचीलापन: आप अपने आवश्यकताओं के अनुसार विभाजन कर सकते हैं, जैसे कि अलग-अलग फाइल सिस्टम, माउंट पॉइंट्स आदि।
    • अनुकूलन: आप अपने सिस्टम को अपने आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित कर सकते हैं, जैसे कि होम, वेर, और ऑप्ट जैसी डाइरेक्टरीज़ के लिए अलग-अलग विभाजन बनाना।
  3. उपयोग के मामले:
    • उन्नत उपयोगकर्ता: जो विभाजन के तकनीकी पहलुओं को समझते हैं और अपने सिस्टम को कस्टमाइज करना चाहते हैं।
    • विशिष्ट आवश्यकताएँ: जब आपके पास विशेष विभाजन आवश्यकताएँ हों, जैसे कि डेटाबेस सर्वर या वेब सर्वर के लिए अलग-अलग विभाजन बनाना।
  4. कमियाँ:
    • समय-साध्य: यह विधि अधिक समय लेती है क्योंकि उपयोगकर्ता को हर विभाजन को मैन्युअली सेट करना पड़ता है।
    • तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता: इस विधि के लिए उपयोगकर्ता को विभाजन के तकनीकी पहलुओं की अच्छी समझ होनी चाहिए।

स्वचालित विभाजन के STEP

  1. INSTALLATION के दौरान, "Installation Destination" स्क्रीन पर जाएं।
  2. उस डिस्क को चुनें जिस पर आप RHEL को इंस्टॉल करना चाहते हैं।
  3. "Automatic partitioning" विकल्प चुनें।
  4. इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को जारी रखें। इंस्टॉलर स्वचालित रूप से विभाजन बना देगा।

मैनुअल विभाजन के STEP

  1. INSTALLATION के दौरान, "Installation Destination" स्क्रीन पर जाएं।
  2. उस डिस्क को चुनें जिस पर आप RHEL को इंस्टॉल करना चाहते हैं।
  3. "Manual partitioning" विकल्प चुनें।
  4. "Done" पर क्लिक करें और विभाजन स्क्रीन पर जाएं।
  5. यहां, आप विभिन्न विभाजनों को मैन्युअली बना सकते हैं, जैसे कि /, /home, /var, आदि।
  6. विभाजन का प्रकार, आकार और फाइल सिस्टम सेट करें।
  7. सभी आवश्यक विभाजनों को सेट करने के बाद, "Done" पर क्लिक करें और इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को जारी रखें।

निष्कर्ष

रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स एक शक्तिशाली, सुरक्षित, और विश्वसनीय ऑपरेटिंग सिस्टम है जो एंटरप्राइज़ वातावरण की आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करता है। इसकी विशेषताएँ और समर्थन सेवाएं इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाती हैं। RHEL का उपयोग करके, व्यवसाय अपने आईटी बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकते हैं और अपने डेटा और सेवाओं को सुरक्षित रख सकते हैं।

"Server with GUI" और "Minimal Install" दोनों के अपने-अपने फायदे और उपयोग के मामले हैं। "Server with GUI" उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त है जो ग्राफिकल इंटरफेस के साथ काम करना पसंद करते हैं, जबकि "Minimal Install" उन सर्वरों के लिए आदर्श है जहाँ उच्च प्रदर्शन और सुरक्षा प्राथमिकता होती है। INSTALLATION से पहले अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सही विकल्प चुनना महत्वपूर्ण है।

स्वचालित विभाजन और मैनुअल विभाजन दोनों के अपने-अपने फायदे और उपयोग के मामले हैं। स्वचालित विभाजन उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त है जो तेजी से और सरलता से सिस्टम सेटअप करना चाहते हैं, जबकि मैनुअल विभाजन उन उपयोगकर्ताओं के लिए है जो अपने सिस्टम को विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करना चाहते हैं। अपनी आवश्यकताओं और तकनीकी ज्ञान के अनुसार सही विकल्प चुनें।

 

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